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'31/03/1997' और सचिन के सबसे बड़े दर्द का बदला लेने उतरेगी टीम इंडिया!

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नई दिल्ली/मुंबई: आज भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच वर्ल्ड टी20 का दूसरा सेमीफाइनल खेला जाना है लेकिन आज की तारीख टीम इंडिया के इतिहास में एक बुरी याद के तौर पर दर्ज है वो भी ऐसी याद जिसने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर तक को रूला दिया था.

जी हां सचिन के करियर में कप्तानी के दौरान ऐसा भी दौर आया था जब वह बेहद हताश हो गए थे. कप्तानी में लगातार फेल होने के बाद सचिन ने क्रिकेट छोड़ने तक का मन बना लिया था. ऐसी ही एक तारीख थी 31 मार्च 1997, बारबाडोस टेस्ट में भारत को करारी शिकस्त मिली. 120 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया महज 81 रन पर ऑल-आउट हो गई. इसके बाद सचिन ने क्रिकेट को अलविदा कहने का मन भी बना लिया था. जिसके बाद सचिन ने खुद को 2 दिनों तक कमरें में बंद कर रखा.

अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट मा{myadvertisements[zone_6]}य वे’ में सचिन लिखते हैं कि ये हार भारतीय क्रिकेट के इतिहास और उनके करियर का सबसे बुरा दिन था.


भारतीय टीम अगर आज सेमीफाइनल में जीत जाती है तो फाइनल में पहुंचने के साथ ही टीम इंडिया और खुद सचिन तेंदुलकर को इससे बड़ी खुशी और कुछ नहीं मिल सकती. साथ ही ये जीत और भी बड़ी इसलिए हो जाएगी क्योंकि ये मैच मुंबई में सचिन के घर में खेला जा रहा है.
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ग्रुप स्टेज में धमाकेदार खेल दिखाकर सेमीफाइनल में पहुंची टीम इंडिया से आज बहुत अधिक उम्मीदें हैं.

[Image: sachin13103.jpg]

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