यह सवाल अक्सर बहुत से युवा मुझसे पूछतें हैं , वे निरंतर शीशे के सामने खड़े होकर अपने चेहरे को निहारते हैं और मुझसे पूछनें लगते हैं कि मेरा मन कह रहा कि मुझे अपने सभी चेहरे के दानों को एक साथ फोड़ लेना चाहिए। वैसे में कोई चमड़ी की संत नहीं हूँ, जो वरदान देकर सही करदूँ। पर यदि आप जानना चाहते हैं तो मेरा उत्तर हमेशा ‘ना’ ही होगा।
मैंने बहुत से युवा देखे हैं जो अपने पिंपल्स को फोड़ते रहते हैं, पर क्या वह ऐसा करके इनसे निजाप पाते हैं, जबाब सीधा सा है नहीं पाते बल्कि ऐसा करके वह अपने चेहरे को ही यातना देते हैं।
आइय़े जानते हैं कि चहरे पर दाने क्यों बनते हैं?
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[i]80 फीसदी से ज्यादा टीनेजर लोग इनसे पीडित हैं – shutterstock.com[/i]
मुँहासे किशोरों में सबसे आम त्वचा रोगों में से एक है। विश्व में लगभग 80 फीसदी से ज्यादा किशोर इस समस्या से पीड़ित हैं। यह जरूरी नहीं कि यह रोग सिर्फ किशोरों में ही होता है, यदि एण्ड्रोजन नामक हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाये तो उम्र की किसी भी पड़ाव में आपको मुँहासों से दो हाथ होना पड़ सकता है।
फिलहाल, हमें और अधिक शोध करने की जरूरत है ताकि हम पूरी तरह से मुँहासे के कारणों को समझ पायें। तेल ग्रंथियां जो बालों की खाल के निचले हिस्सें में होती हैं – वह ग्रंथियां तेल (sebum) को बाहर निकालती हैं ताकि वह हमारी खाल की सतह और बालों को चिकनाहट प्रदान कर सकें। शरीर के हर हिस्से में, हथेलियों और पैरों के तलवों को छोड़कर वसामय ग्रंथियां (sebaceous glands) मौजूद होते हैं।
पहले यह माना जाता था कि मुहांसे त्वचा के सैल्स के सामान्य रुप से छड़ने से होते हैं, जो वसामय ग्रंथियां (sebaceous glands) के साथ ही लगीं होती हैं। इससे त्वचा का वह हिस्सा मोटा हो जाता है और मुहांसे पैदा करने लगता है।
लेकिन हाल के कुछ वर्षों में इस सोच में बदलाव आया है। मुँहासों को अब त्वचा के सूजन के विकार के रूप में मुख्य रूप से देखा जाता है।
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क्यों आप लोगों को मुहासों को नहीं फोड़ना चाहिए?
दाने, मुहांसे त्वचा पर उभरे हुए वह छोटे से बैग हैं जिनमें बैक्टीरिया औऱ सूजन शामिल है। इनको दबाने या फोड़ने से यह विकार सतह की दूसरी सतह पर पहुँच जायेंगे और आपकी त्वचा की दिक्कत को बहुत बड़ा देंगे। यह घातक है इससे त्वचा का वह हिस्सा हमेशा के लिए काला पड़ जायेगा।
इस के शीर्ष पर सूजन तो इतनी बेकार है कि यदि दाना बैठ भी जाता है तो अपना उभार छोड़ देता है जो हमेशा के लिए चेहरे पर बना रहता है इसलिए दानों को दबाने से समस्या बढ़ जाती है।
यदि आप अपनी दबाने की इच्छा को नियंत्रित कर लेते हैं तो यह दाने महज एक हफ्ते मैं ही चले जाते हैं औऱ इनके निशान जो बचते हैं वह भी अपने आप गायब होने लगते हैं।
यदि मुंहासे बहुत बड़े है और सूजन कम नहीं हो रही है तो आपको इन्हे एक त्वचा विशेषज्ञ (dermatologist) को दिखाना चाहिए वह प्रभावी ढंग से इसका इलाज करने में सक्षम होता है। वे लोग एक इंजेक्शन से ही आपकी सूजन को एक दिन में कम कर देते हैं।
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कैसे मुँहासों को रोका जा सकता है?
यदि आप इनसे बचना चाहते हैं तो यहां कुछ तरीकों से आप स्वस्थ और साफ त्वचा पा सकते हैं :-
1 – आपको अच्छी तरह से संतुलित आहार करना चाहिए जिसमें चीनी की मात्रा काफी कम हो। आप, हरी सब्जियां, नट्स, फल और संतुलित दूध का सेवन करें। आपको इन सब की एक डायरी रखनी चाहिए ताकि आप अपनी डायट को निंयत्रण में रख सकें।
2- हमेशा अधिक सफाई से बचें, ज्यादा चेहरे का ना रगड़े, साबुन का उपयोग कम करें औऱ प्राकृतिक तरीकों से ही अपने मुँह को धोयें। मुँहासे कभी चेहर पर जमी हुई गंदगी से नहीं होते हैं।
3- तेल से मुक्त क्रीमों को चुनें, moisturisers और सनस्क्रीन चुनें। और नहाने जाने से आधे घंटे पहले अपने सर में संतुलित तेल लगायें और फिर धो लें।
मैंने बहुत से युवा देखे हैं जो अपने पिंपल्स को फोड़ते रहते हैं, पर क्या वह ऐसा करके इनसे निजाप पाते हैं, जबाब सीधा सा है नहीं पाते बल्कि ऐसा करके वह अपने चेहरे को ही यातना देते हैं।
आइय़े जानते हैं कि चहरे पर दाने क्यों बनते हैं?
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![[Image: image-20160317-30222-374nl5.jpg]](http://vigyaan.indiannova.in/wp-content/uploads/2016/03/image-20160317-30222-374nl5.jpg)
फिलहाल, हमें और अधिक शोध करने की जरूरत है ताकि हम पूरी तरह से मुँहासे के कारणों को समझ पायें। तेल ग्रंथियां जो बालों की खाल के निचले हिस्सें में होती हैं – वह ग्रंथियां तेल (sebum) को बाहर निकालती हैं ताकि वह हमारी खाल की सतह और बालों को चिकनाहट प्रदान कर सकें। शरीर के हर हिस्से में, हथेलियों और पैरों के तलवों को छोड़कर वसामय ग्रंथियां (sebaceous glands) मौजूद होते हैं।
पहले यह माना जाता था कि मुहांसे त्वचा के सैल्स के सामान्य रुप से छड़ने से होते हैं, जो वसामय ग्रंथियां (sebaceous glands) के साथ ही लगीं होती हैं। इससे त्वचा का वह हिस्सा मोटा हो जाता है और मुहांसे पैदा करने लगता है।
लेकिन हाल के कुछ वर्षों में इस सोच में बदलाव आया है। मुँहासों को अब त्वचा के सूजन के विकार के रूप में मुख्य रूप से देखा जाता है।
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क्यों आप लोगों को मुहासों को नहीं फोड़ना चाहिए?
दाने, मुहांसे त्वचा पर उभरे हुए वह छोटे से बैग हैं जिनमें बैक्टीरिया औऱ सूजन शामिल है। इनको दबाने या फोड़ने से यह विकार सतह की दूसरी सतह पर पहुँच जायेंगे और आपकी त्वचा की दिक्कत को बहुत बड़ा देंगे। यह घातक है इससे त्वचा का वह हिस्सा हमेशा के लिए काला पड़ जायेगा।
इस के शीर्ष पर सूजन तो इतनी बेकार है कि यदि दाना बैठ भी जाता है तो अपना उभार छोड़ देता है जो हमेशा के लिए चेहरे पर बना रहता है इसलिए दानों को दबाने से समस्या बढ़ जाती है।
यदि आप अपनी दबाने की इच्छा को नियंत्रित कर लेते हैं तो यह दाने महज एक हफ्ते मैं ही चले जाते हैं औऱ इनके निशान जो बचते हैं वह भी अपने आप गायब होने लगते हैं।
यदि मुंहासे बहुत बड़े है और सूजन कम नहीं हो रही है तो आपको इन्हे एक त्वचा विशेषज्ञ (dermatologist) को दिखाना चाहिए वह प्रभावी ढंग से इसका इलाज करने में सक्षम होता है। वे लोग एक इंजेक्शन से ही आपकी सूजन को एक दिन में कम कर देते हैं।
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कैसे मुँहासों को रोका जा सकता है?
यदि आप इनसे बचना चाहते हैं तो यहां कुछ तरीकों से आप स्वस्थ और साफ त्वचा पा सकते हैं :-
1 – आपको अच्छी तरह से संतुलित आहार करना चाहिए जिसमें चीनी की मात्रा काफी कम हो। आप, हरी सब्जियां, नट्स, फल और संतुलित दूध का सेवन करें। आपको इन सब की एक डायरी रखनी चाहिए ताकि आप अपनी डायट को निंयत्रण में रख सकें।
2- हमेशा अधिक सफाई से बचें, ज्यादा चेहरे का ना रगड़े, साबुन का उपयोग कम करें औऱ प्राकृतिक तरीकों से ही अपने मुँह को धोयें। मुँहासे कभी चेहर पर जमी हुई गंदगी से नहीं होते हैं।
3- तेल से मुक्त क्रीमों को चुनें, moisturisers और सनस्क्रीन चुनें। और नहाने जाने से आधे घंटे पहले अपने सर में संतुलित तेल लगायें और फिर धो लें।