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इन शैंपू और साबुन में मौजूद हैं कैंसर के लिए जिम्‍मेदार केमिकल

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गुप्ता जी ताउम्र स्मोकिंग और अल्कोहल से दूर रहे ताकि घर में किसी को किसी प्रकार की जानलेवा बीमारी न हो। लेकिन पिछले एक साल से वो कैंसर का इलाज करा रहे हैं। कुछ बाहर का नहीं खाते हैं फिर भी कैंसर? जब पूरी जांच की गई तो डॉक्टरों को पता चला कि गुप्ता जी के शैंपू और साबुन में ऐसे केमिकल हैं जो जानलेवा बीमारी कैंसर का कारक हैं। यह सुनकर ना गुप्ताजी को विशवास हुआ और न किसी ओर को और ना किसी को होगा। लेकिन ये सच है। इस लेख में विस्‍तार से जानें इन केमिकल के बारे में।

[Image: shanpooing-inside-image.jpg]

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सेंटर फॉर इन्वॉयरमेंटल हेल्थ (सीईएच )
सेंटर फॉर इन्वॉयरमेंटल हेल्थ ग्रुप ने 2013 में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार घरों में पाए जाने वाले शैंपू और साबुन में कैंसर के कारक हैं। इस ग्रुप ने शैंपू के केमिकल को टेस्ट किया तो 98 शैंपू और साबुन में काफी उच्च स्तर में कैंसर के लिए जिम्‍मेदार कारक केमिकल कोकामाइड डाईइथेनोलामाइन (कोकामाइड डीईए) पाया गया। कोकामाइड डीईए एक खतरनाक केमिकल है जो कैलीफोर्निया व अन्य देशों में बैन है। फिर भी कोकामाइड डीईए प्रसिद्ध ब्रॉन्ड कोलगेट पालमोलिव व पॉल मिटशेल के शैंपू में पाए जाते हैं जो वालमार्ट, ट्रेडर जॉयस और कॉहल्स जैसे विश्व प्रसिद्ध स्टोर में आसानी से मिल जाते हैं। या यह कहा जाये कि इन स्टोर की शोभा बढ़ाते हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

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बच्चों के शैंपू में भी हो सकता है केमिकल
ये केमिकल बड़ों के शैंपू के साथ बच्चों के केमिकल भी हो सकते हैं। साथ ही कोकामाइड डीईए, को कोकोनट ऑयल के जरिये मोडिफाई कर ब्यूटी लोशन और क्रीम में भी इस्तेमाल किया जाता है। इनके इस्तेमाल से आप खुद घर बैठ कर कैंसर के संपर्क में आ जाते हैं। ऐसे में कितना भी स्वस्थ खाना खा लें, आप कैंसर से दूर नहीं रह सकते। 

इसलिए अगर बाजार में किसी भी उत्पाद को खरीदें, तो सबसे पहले उसके बारे में सही जानकारी इकट्ठा कर लें। 

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