Quantcast
Channel: Extinct Online - All Forums
Viewing all articles
Browse latest Browse all 468

इस 16 साल के लडके ने किया है एक भूकम्प सूचक मशीन का निर्माण

$
0
0
[Image: this-is-called-indian-technology-post-image.jpg]
{myadvertisements[zone_6]}
कहते हैं कि विज्ञान का उम्र से कोई लेना देना नहीं होता है, विज्ञान वह ज्ञान है जो हर किसी को अविष्कारक और खोजी बना देता है। विज्ञान की कला पर हर उम्र के व्यक्ति का हाथ होता है। आज हम आपको एक ऐसे ही 16 साल के लड़के से मिलवाने जा रहे हैं जिसने अपने विज्ञान के ज्ञान से एक नई प्रकार की भूकम्प सूचक मशीन बनाई है। आईये जानते हैं –
[Image: this-is-called-indian-technology-post-image.jpg]
यह हैं 16 वर्ष के विकास जो उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर ंमें रहते हैं इन्होंने एक ऐसी भूकम्प सूचक मशीन का अविष्कार कर सबको चौका डाला है जिसकी सहायता से देश के तीस राज्यो सहित पड़ोसी मुल्क नेपाल में आने वाले भूकम्प की सूचना ठीक आधे घण्टे पहले दे दिया करेगी, इस जानकारी से हम लोग बहुत से जानमाल का खतरा बचा सकते हैं।।
{myadvertisements[zone_6]}
जब इस बालक नें इस मशीन को बनाने का निर्णय लिया तो सभी ने इसका मजाक उडाया, तिलौरा गाँव के रहने वाले विकास को फिर भी किसी मजाक से कोई परेशानी नहीं हुई और वह अपने काम में लगा रहा। वह इस आविष्कार को पूरा करने की ठान संत कबीर नगर जिले के बड़गो गाँव अपने ननिहाल चला आया जहाँ साल भर पहले ही उसने एक ऐसे यन्त्र का निर्माण करने में सफलता हासिल की जिसके सहारे भूकम्प के आहट की सूचना ठीक आधे घण्टे मिल जाया करती है। मशीन के सफल होने का दावा करते हुए विकास ने वर्ष 2015 में 24 और 25 अप्रैल को इसका सफल परीक्षण भी कर डाला।
Bronze,  Aluminium, Copper आदि की सहायता से तैयार इस भूकंप सूचक यन्त्र की लागत महज दस हजार रुपया जो बड़ी मुश्किल से विकास ने जुटाकर इस मशीन का इज़ाद किया, चुम्बकीय बल के प्रयोग से भूकम्प की स्थिति और सही दिशा का पता मशीन में लगी सुई और काँच के टुकड़े करते है, जो भूकम्प आने के ठीक पहले काँच टूट जाते है और सुई उस दिशा में जाकर गिरती है जिस दिशा में भूकम्प आना होता है।
बिजली की सहायता से चलने वाले इस मशीन के निर्माण के बाद विकास ने भूकम्प जैसी आपदा आने से पहले लोगो को सचेत करने वाली मशीन को जब और अधिक विकसित करना चाहा तो आर्थिक मुसीबते उसके सामने मुँह बाए खड़ी मिली, विकास को दरकार है सरकारी सहायता की जो अभी तक उसे मिली नही,सीमित संसाधनों से तैयार इस भूकम्प सूचक
यन्त्र को सौर ऊर्जा से संचालित करने एवम् 10 किलोमीटर तक की रेंज में भूकंप आने से पहले सायरन की आवाज पैदा करने के लिए इस मशीन के निर्माण में और अधिक लागत की आवश्यकता है जो गरीब विकास के बुते की बात नही जिसके लिए उसने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। विकास के द्वारा तैयार किये गए भूकंप सूचक यन्त्र की विशेषता को भौतिक विज्ञान के एक्सपर्ट जिले के एच आर इंटर कालेज के प्रवक्ता संत त्रिपाठी ने भी सराहा है।
जिले में तैयार इस अदभुद मशीन की सूचना पर डी एम डाक्टर सरोज कुमार भी गदगद है जो खुद चलकर मशीन को देखने और मासूम आविष्कार विकास से मिलने की बात कहकर उसे हर सम्भव आर्थिक सहायता दिलवाने और विकास के द्वारा तैयार किये गए यंत्र को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की बात कही है।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 468